World's first hydrogen train rolls out in Germany: All about it in hindi
World's first hydrogen train rolls out in Germany: All about it in hindi
आज पुरे विश्व भर में प्रदुषण एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है, खास कर वाहनों के द्वारा होने वाले प्रदुषण से, दिनों दिन गाडियों की संख्या बढ़ रही है और उससे होने वाली प्रदुषण एक विकराल रूप लेती जा रही है और इसे निरंत्रित करने के लिए पुरे दुनिया भर के वैज्ञानिक शोध भी कर रहे हैA
प्रदुषण को नियंत्रित करने के दिशा में जर्मनी ने सबसे पहले अपना कदम बढ़ाते हुए एक ऐसा ट्रेन चलाया है जो की हाइड्रोजन उर्जा का इस्तेमाल करेगा, इस ट्रेन की खास बात ये है की यह ट्रेन बिल्कुल प्रदुषण मुक्त होगा. इस ट्रेन में lithium-ion बैटरी का प्रयोग किया गया है, वही बैटरी जो हमारे मोबाइल फ़ोन और घरों में इस्तेमाल होते हैं, इस ट्रेन में ईंधन कोशिकाओं (fuel cell) लगायी गयी हैं जो हाइड्रोजन के अणुओं से रासायनिक प्रतिक्रिया कर बिजली उत्पन्न करेगी.
इस ट्रैन को उपनाम Hydrail दिया गया है और इन ट्रेनों को Coradia iLint के नाम से जाना जायेगा,इस ट्रेन को Alstom नामक कंपनी ने बनया है, इन्होने बतया की इस ट्रेन में एक बार में 300 यात्री सफ़र कर सकेंगे और एक भरे हाइड्रोजन टैंक से 1000 किलोमीटर की दुरी तय करेगी, और इसके साथ ही ट्रेन की अधिकतम गति 140 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी.
16 सितम्बर 2018 से इसका संचालन जर्मनी में शुरू हो गया है और आने वाले एक महीने में ऐसे 14 और ट्रेनों का संचालन शुरू किया जायेगा Alstom ने बतया की सिर्फ जर्मनी ही नहीं और भी अनेक देशों में इसकी मांग है जैसे UK, the Netherlands, Italy, Canada, Norway and Denmark.
इन ट्रेनों को हर तरफ से फ़ायदा के मानक से देखा जा रहा है, शुरवात में इस ट्रेन की किराया डीजल की तुलना में अधिक होगी, लेकिन रेचार्गेब्ल lithium-ion बैटरी होने के कारन ये भविष्य के लिए सस्ती होगी. एक ट्रेन की कीमत 7 मिलियन है.
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